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अश्क आंसू आंख नहीं नारी किसी से कम किसी कोण किसी दिशा से देखो पूरी दिखती है नदी। (इसी कविता से) किस तरह बितावैं अपनी उमरिया खुशी मिलेगी यहीं बांटें-बांटे खुशी प्यार तो होती है चाहत खुश रहने की हसरत अपनेपन की सुरभि चमन में सुमन खुशी के सच चाहत किसी किसी द्वीप पर

Hindi अश्क पोंछें किसी आंख से Poems